क्या आपको कभी ऐसे सवालों ने परेशान किया है या कर रहे हैं?
किस परीक्षा की तैयारी करूँ ? संघ लोक सेवा आयोग, रेलवे, बैंकिंग प्रतियोगी परीक्षा, कर्मचारी चयन आयोग, लॉ करूँ या चार्टर्ड अकाउंटेंट ही बन जाऊं, या फिर अपने दोस्त के साथ उच्च शिक्षा के लिए चला जाऊं?
अगर जवाब है हाँ, तो इसका मतलब है की आप किसी न किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं. अगर ऐसा है तों आप बिलकुल सही जगह पर हैं.
शुरू करने के पहले:
अब ऐसा तो नहीं है की आपने सोचा की मुझे अमुक परीक्षा पास करना है, किताब लिया और शुरू हो गए. ऐसा कभी भी नहीं करना है. आपको नीचे कुछ तथ्य दिये गए हैं जिनके अधार पर आप निर्णय कर सकते हैं की आपको वो क्या शुरुआती कदम उठाने होंगे, या यूँ कहें की आपको क्या साजो-सामान इकत्रित करने होंगे.
- सबसे पहले आपको अपनी रूचि/इंटरेस्ट जानना होगा
- अपने इंटरेस्ट के अनुसार उन क्षेत्रों की लिस्ट बनायें जो आप कर सकते हैं
- अब किसी एक को जो आपको सही/आसान लगे उसे चिन्हित कर लें
- इसकी तैयारी आप करने जा रहे हैं
- यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है की आप वो कभी न करें जो सब कर रहे हैं, बल्कि वो करें जो आप कर सकते हैं. ऐसा करने से सफलता मिलना तय होगा.
उदहारण के लिए अगर आप संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी सिर्फ इसलिए करने जा रहे हैं क्योंकि आपके साथी/मित्र ऐसा कर रहे हैं(ऐसा अक्सर देखा जाता है), तो बिलकुल न करें, हो सकता है वो आपसे पढ़ने में ज्यादा अच्छे हों, हो सकता है कि आप उनसे तकनिकी रूप से आगे हों और कुछ और बहुत अच्छा कर सकते हों.
आगे क्या?
अब आपको निम्न सामग्री की जरूरत होगी
- सिलेबस
- मानक किताबें
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र
- समय
- दृढ़ संकल्प
अब जब हमारे पास सबकुछ है तो पढाई करने के लिए दो रास्ते हैं :
1> खुद से पढना या सेल्फ स्टडी या
2> किसी कोचिंग संस्थान की सहायता लेना
कृपया धयान रखें
कोचिंग आपकी सफलता में सहायक तो हो सकता है,लेकिन सफलता की गारन्टी नहीं है, अतः कोचिंग लेना बिलकुल भी जरूरी नहीं है.
व्यक्ति के अनुसार या तो आप सेल्फ स्टडी या फिर कोचिंग कर सकते हैं. इन दोनों में से चुनाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:
आप सिलेबस तथा पहले के प्रश्न पत्रों देखें, अगर वो समझ में आ रहा है तो आप सेल्फ स्टडी के रास्ते जा सकते हैं, अगर आपको समझने में दिक्कत हो रही है तो आप कोचिंग के रास्ते जा सकते हैं, लेकिन कोचिंग लेने में एक दिक्कत ये है के आजकल ये मोटी रकम लेते हैं. तो निर्णय सोच समझ कर लें.
अब जब ये निर्णय हो गया तो प्रश्न आता है की कितने घंटे पढ़ें, कितने माह किसी परीक्षा में सफल होने के लिए आवश्यक है?
समय का निर्णय अलग अलग होता है, जैसे अगर मान लें की आप संघ लोक सेवा आयोग जैसे बड़ी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो एक वर्ष की कड़ी मेहनत (रोजाना 10 से 12 घंटे) नितांत जरूरी है.
अगर रेलवे,कर्मचारी चयन आयोग के लिए तैयारी कर रहे हैं तो 4 से 6 महीने (रोजाना 3 से 4 घंटे काफी हैं), अगर बैंकिंग प्रतियोगी परीक्षा के बारे में कहें तो उसके लिए 6 से 8 महीने(रोजाना 5 से 6 घंटे) काफी हैं.
यहाँ एक बात ध्यान देने की है की यह समय का निर्धारण व्यक्ति विशेष के साथ थोडा बदल सकता है लेकिन इस बात की गारन्टी दी जा सकती है की अगर सही समय सारणी का पालन किया जाये तो सफलता निश्चित है.
टाइम टेबल कैसे बनायें:
समय सारणी या टाइम टेबल दो प्रकार से बन सकती है:
1> अगर आप ऐसे परीक्षा की तैयारी कर रहे हों जिसका सिलेबस/टॉपिक्स आपको थोड़ा कठिन लगता हों तो ऐसे में आप एक विषय को एक बार में खत्म करें ऐसा करने से एक पुनरावलोकन मिल जायेगा। उदाहरण के तौर पर लोक सेवा आयोग के लिए ऐसा किया जा सकता है।
2> अगर विषय आपको समझ में आते हों और उन्हें पहले कभी पढ़ा है तो ऐसे में एक दिन में 2 विषय पढ़े जा सकते हैं। जैसे बैंकिंग, रेलवे, कर्मचरी चयन आयोग के लिए ऐसा किया जा सकता है।
चाहे आप किसी प्रकार से पढ़ाई करें रिवीजन या दोहराना अति आवश्यक है। ऐसा देखा गया है के सब पढ़ तो लेते हैं लेकिन दोहराने के लिए समय नहीं दिया जाता, ऐसे में पढ़ाई का कोई खास मतलब नहीं रह जाता।
तो कैसे पढ़े:
टाइम टेबल साप्ताहिक बनाएं
अगर 1 के हिसाब से जा रहे हैं तो एक सब्जेक्ट रोज 7 घंटे पढ़े और 3 घंटे रोज रिवीजन के लिए रखे।
यदि 2 से जा रहे हैं तो प्रति विषय 2 घंटे रोज और 2 घंटे (एक एक घंटे) रिवीजन के लिए रखें।
सप्ताहांत शनिवार और रविवार को पूर्ण रूप से रिवीजन के लिए रखें।
दिन | विषय 1 (एक टॉपिक रोज़) | विषय 2 (एक टॉपिक रोज़) | दोहराना |
सोमवार | मैथ/गणित-2 घंटे | रीजनिंग-2 घंटे | 2 घंटे दोनों के लिए |
मंगलवार | मैथ/गणित-2 घंटे | रीजनिंग-2 घंटे | 2 घंटे दोनों के लिए |
बुधवार | मैथ/गणित-2 घंटे | रीजनिंग-2 घंटे | 2 घंटे दोनों के लिए |
गुरुवार | मैथ/गणित-2 घंटे | रीजनिंग-2 घंटे | 2 घंटे दोनों के लिए |
शुक्रवार | मैथ/गणित-2 घंटे | रीजनिंग-2 घंटे | 2 घंटे दोनों के लिए |
शनिवार | दोहराना और कुछ छूटा हो तो उसे पढना | दोहराना और कुछ छूटा हो तो उसे पढना | |
रविवार | दोहराना और कुछ छूटा हो तो उसे पढना | दोहराना और कुछ छूटा हो तो उसे पढना |
तो अब आपके दिमाग में सबकुछ साफ हो गया होगा की तैयारी कैसे करनी है.